निपाह के बाद केरल में ‘वेस्ट नील’ का खतरा, केंद्रीय टीम रवाना
सेहतराग टीम
पिछले साल केरल में निपाह वायरस के संक्रमण ने अफरातफरी मचा दी थी मगर समय पर उठाए गए कारगर कदमों ने बीमारी को देश के बाकी हिस्सों में नहीं फैलने दिया। अब केरल में सात साल के एक बच्चे में ‘वेस्ट नील’ वायरस का संक्रमण होने की खबर सामने आ रही है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने ये खबर सामने आने के बाद एहतियातन केंद्रीय दल को वहां भेजा है जो हालात का जायजा लेकर इसकी रोकथाम में स्थानीय प्रशासन की मदद करेगा।
क्या है वेस्ट नील
यह वायरस एक मच्छर के काटने से मनुष्य के शरीर में प्रवेश करता है और इसके अधिकतर मामले अभी तक उत्तर अमेरिका में सामने आए हैं। वायरस के संक्रमण के शिकार लोगों को बुखार, सिरदर्द, शरीर में दर्द, चक्कर आना, उल्टी आना और त्वचा पर निशान पड़ना आदि शिकायतें होती हैं।
कहां सामने आया
केरल के मलप्पुरम जिले के बच्चे में ये वायरस मिला है और बच्चे का इलाज अभी कोझिकोड मेडिकल कॉलेज अस्पताल में चल रहा है। स्वास्थ्य मंत्रालय के एक बयान के अनुसार केंद्र सरकार हालात की बारीकी से समीक्षा कर रही है और केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जे.पी. नड्डा ने अधिकारियों को इस बीमारी की रोकथाम और प्रबंधन के लिए केरल सरकार को हरसंभव मदद पहुंचाने के निर्देश दिये हैं।
केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव प्रीति सूदन ने केरल के अतिरिक्त मुख्य सचिव राजीव सदानंदन से फोन पर बात की और स्थिति का पता लगाया। इसके बाद स्वास्थ्य मंत्रालय ने राष्ट्रीय रोग नियंत्रण केंद्र के चार सदस्यीय दल को केरल भेजा है।
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